भोपाल : मध्यप्रदेश के सत्ता की कमान संभालने के बाद प्रदेश की मोहन सरकार लगातार कर्ज ले रही है। वर्त्तमान में मध्यप्रदेश सरकार के ऊपर 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। तो वही अब सीएम मोहन एक बार फिर कर्ज लेने जा रहे है। यह कर्ज पूरे 6000 करोड़ रुपए का है। जिसे सीएम मोहन 20 फरवरी को लेंगे। जिसकी भरपाई सरकार 12, 15 और 23 वर्षों की अवधि में करेगी।
विकास परियोजनाओं के लिए खर्च होंगे पैसे
कर्ज लेने की वजह सरकार ने विकास परियोजनाओं को बताई है। सीएम मोहन का कहना है कि पैसो को विकास परियोजनाओं के लिए खर्च किया जाएगा। जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। बताया जा रहा है कि सरकार यह कर्ज 3 4 किस्तों में ले सकती है।
GIS से पहले सरकार लेगी ₹6 हजार करोड़ का कर्ज
बता दें कि भोपाल में 24 - 25 फरवरी को GIS होने जा रहा है। जिसमे शामिल होने के लिए देश विदेश के कई निवेशक मध्य प्रदेश आएंगे। ऐसे में उनके रुकने, खाने और घूमने में लाखों रूपए खर्च होने जा रहे है। जिसको देखते हुए सरकार ने कर्ज लेने का फैसला लिया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि दो दिन होने वाले समिट में करोड़ो रूपए का खर्च होगा।
सरकार ने कब-कब और कितना लिया कर्ज?
राज्य की मोहन यादव सरकार ने इस साल 23 जनवरी को 2500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. यह मोहन यादव सरकार की ओर से लिया गया पहला कर्ज था. वहीं, इसके अगले महीने ही सरकार ने तीन अलग-अगल तारीखों को कुल 13 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया. 6 फरवरी को 3 हजार करोड़, 20 फरवरी को 5 हजार करोड़ और 27 फरवरी को सरकार ने फिर से 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था.
14-14 साल की अवधि में होगी भरपाई
वहीं, अगले महीने 26 मार्च को फिर से 5 हजार करोड़ का लोन लिया गया. इसके बाद अगस्त में सरकार ने 10 हजार करोड़ का कर्ज लिया था. 6 अगस्त को पांच हजार करोड़ वहीं, 27 अगस्त को भी सरकार ने 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. यह कर्ज दो बार में ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के रूप में लिया गया. जिसकी भरपाई सरकार 14-14 साल की अवधि में करेगी. वहीं, 24 सितंबर को 5 हजार करोड़, 8 अक्टूबर को 5 हजार करोड़ और फिर 26 नवंबर को 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया.