Vincent van der Merwe dies: साउथ अफ्रीका के संरक्षणवादी प्रसिद्ध 'चीता एक्सपर्ट' विन्सेंट वैन डेर मेरवे अब हमारे बीच नहीं रहे। दरअसल सऊदी अरब की राजधानी रियाद में मृत पाए गए हैं। इस घटना की जानकारी सीसीटीवी फुटेज से सामने आई है। विन्सेंट वहीं व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत सरकार के 'प्रोजेक्ट चीता' को लेकर को सलाह दी थी। साथ ही इस प्रोजेक्ट के तहत चीतों को मध्यप्रदेश के कूनो में बसाने में अपनी अहम भूमिका थी।
इन प्रोजेक्ट पर कर रहे थे काम :
बताया जा रहा है कि इन दिनों वह चीतों को फिर से बसाने के प्रोजेक्ट पर मेरवे सऊदी अरब में काम कर रहे थे। ऐसे में उनके निधन की खबर से दुनियाभर में और वन्यजीव संरक्षणवादियों में शोक की लहर दौड़ गई है। विन्सेंट की संस्था TMI चीतों की सुरक्षा और उनकी आबादी को बढ़ाने का काम करती है।बता दें इन दिनों सऊदी अरब सरकार के साथ उनकी संस्था 'द मेटापॉपुलेशन इनिशिएटिव' मिलकर चीतों को बसाने की योजना पर काम कर रहे थे। इसी विषय में वह विन्सेंट रियाद गए हुए थे। इस दौरान रियाद के अपार्टमेंट बिल्डिंग के हॉलवे में विन्सेंट का शव मिला। जहां पर CCTV फुटेज मिला है, जिससे से पता चला कि मेरवे अचानक गिरने उनके सिर पर चोट लग गई। ये चोट इतनी गहरी थी उनकी मौत हो गई।
TMI के थे संस्थापक :
विन्सेंट के संस्था TMI ने चीतों की सुरक्षा और उनकी आबादी को बढ़ाने का काम करती है। बता दें इन दिनों सऊदी अरब सरकार के साथ उनकी संस्था 'द मेटापॉपुलेशन इनिशिएटिव' मिलकर चीतों को बसाने की योजना पर काम कर रही थी। इसी विषय में वह विन्सेंट रियाद गए हुए थे। इस दौरान रियाद के अपार्टमेंट बिल्डिंग के हॉलवे में विन्सेंट का शव मिला। जहां पर CCTV फुटेज मिला है, जिससे से पता चला कि मेरवे अचानक गिरने उनके सिर पर चोट लग गई। ये चोट इतनी गहरी थी उनकी मौत हो गई।
यहां से शुरू किया करियर :
विन्सेंट का जन्म साउथ अफ्रीका में 1983 में हुआ था। वन्यजीवों के प्रति उनके प्रेम ने उन्हें संरक्षण जीव विज्ञान में एक शानदार करियर की ओर अग्रसर किया। वे 'द मेटापॉपुलेशन इनिशिएटिव' (TMI) के संस्थापक थे। चीतों की सुरक्षा और उनकी आबादी को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए थे। विन्सेंट नेविभिन्न अभ्यारण्यों में चीतों को सफलतापूर्वक फिर से बसाया। विन्सेंट ने साउथ अफ्रीका के 41 वन्यजीव अभ्यारण्यों में 217 चीतों के साथ'चीता मेटापॉपुलेशन प्रोजेक्ट' की शुरुआत की थी।
प्रोजेक्ट चीता पर निभाई थी अहम भूमिका:
आज यह प्रोजेक्ट मलावी,साउथ अफ्रीका, जिम्बाब्वे, मोजाम्बिक, जाम्बिया और भारत में 75 अभ्यारण्यों में 537 चीतों तक फैल चुका है। जानकारी के मुताबिक विन्सेंट ने भारत में पीएम नरेंद्र मोदी के 'प्रोजेक्ट चीता' की सफलता के पीछे अहम भूमिका निभाई है। विन्सेंट गहरे तौर पर नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी 'प्रोजेक्ट चीता' से जुड़े हुए थे। प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में इस परियोजना के तहत मध्य चीतों को फिर से बसाया। इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से भारत लाए गए चीतों को भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल ढालने में भी उन्होंने बेहद अहम भूमिका निभाई थी।