भोपाल। बायजूस के फाउंडर बायजू रवीन्द्रन ने 1500 से अधिक सेल्स सहयोगियों और मैनेजर्स के साथ एक मीटिंग में कंपनी की सेल्स रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव की जानकारी दी। यह बदलाव सस्टेनेबल और स्केलेबल मॉडल पर जोर देता है, जो कंपनी के सेल्स वर्कफोर्स को मजबूत बनाने के साथ-साथ क्वालिटी एजुकेशन को पहले से कहीं अधिक आसान बनाने पर केंद्रित है।
यहां देखें कुछ प्रमुख बिंदु:
पुल-आधारित दृष्टिकोण को अपनाना
बायजूस ने अपने सेल्स मॉडल को पुश-आधारित से पुल-आधारित मॉडल में बदल दिया है। यह मॉडल "चूकने के डर" के बजाय "सीखने के प्यार" पर आधारित है। अब मैनेजर्स सेल्स टीम के साथ एक कोच की तरह व्यवहार करेंगे, जो उन्हें अधिक सहायता करने और मजबूत बनाने पर ध्यान देंगे न कि कॉल कोटा को सख्ती से लागू कराने पर केंद्रित होंगे। सेल्स सहयोगियों को अपने तरीके से काम करने का लचीलापन मिलेगा, और उनके द्वारा किए गए कॉल्स की संख्या पर नजर नहीं रखी जाएगी। बायजूस का कहना है कि अगर आप सिर्फ आधे घंटे काम करके भी नतीजे हासिल कर सकते हैं, तो कृपया ऐसा ही करें। यदि सिर्फ वीकेंड पर काम करना चाहते हैं? तो भी कोई दिक्कत नहीं है!" उन्हें केवल परिणाम लाने वाले दृष्टिकोण को ही प्रोत्साहित करना है।
अभूतपूर्व मूल्य कटौती!
शिक्षा को लोकतांत्रिक बनाने के एक साहसिक कदम के रूप में बायजूस ने अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों में अभूतपूर्व कमी की है। बायजूस लर्निंग ऐप की सालाना सब्सक्रिप्शन अब 12,000 रुपये (टैक्स सहित) के महत्वपूर्ण वार्षिक मूल्य पर उपलब्ध है, जबकि बायजूस क्लासेज और बायजूस ट्यूशन सेंटर (बीटीसी) की कीमतें क्रमशः 24,000 रुपये और 36,000 रुपये सालभर की क्लासेज के लिए हैं।