भोपाल। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बजट 2025 को आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण का ऐतिहासिक बजट बताया है। उन्होंने कहा कि इसमें कृषि विकास, ग्रामीण विकास और गरीबों व महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में विकास की ललक, विश्वास की महक और विकसित भारत के निर्माण की तड़प है। यह बजट देश के 140 करोड़ नागरिकों के लिए अभूतपूर्व है, जिसमें समाज के हर वर्ग के कल्याण का ध्यान रखा गया है।
चौहान ने कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। दलहन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए विशेष मिशन चलाया जाएगा, जिसमें तुअर, उड़द और मसूर पूरी तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी जाएगी। किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) को वरदान बताते हुए उन्होंने कहा कि इसकी ऋण सीमा को 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है, जिससे किसानों को आर्थिक मजबूती मिलेगी।
ग्रामीण विकास के लिए बड़े प्रावधान
बजट में ग्रामीण विकास के लिए 1.88 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो गांवों के विकास को नई दिशा देगा। कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए सरकार प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना शुरू करेगी, जिसके तहत उन जिलों की पहचान की जाएगी जहां कृषि उत्पादन कम है, और वहां उत्पादन बढ़ाने के उपाय किए जाएंगे। इसके अलावा, बिहार में मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा।
गरीबों और महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान
चौहान ने कहा कि हर गरीब को पक्का मकान देना प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता है। इस दिशा में पीएम आवास योजना-ग्रामीण के लिए बजट में 54,832 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वहीं, महिला सशक्तिकरण के लिए 19,005 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। आजीविका मिशन के तहत गांव-गांव में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का अभियान चलाया जाएगा, जिससे गरीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। यह केवल आर्थिक दस्तावेज नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की तस्वीर और किसानों की तकदीर बदलने वाला बजट है। उन्होंने इसे किसानों, गरीबों और महिलाओं के सशक्तिकरण का बजट बताया, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।