विकास जैन भोपाल/MP BJP Jila Adhyaksh : मध्यप्रदेश बीजेपी में बीते 10 दिनों से एक ही सवाल सबसे ज्यादा दौहराया जा रहा है कि जिलाध्यक्षों की सूची कब आएगी। हालात ऐसे बन गए है कि जिलाध्यक्ष की दौड़ में शामिल नेता और कार्यकर्ता अपने अपने आकाओं से सुबह से लेकर रात तक एक ही सवाल करते है, कि साहब सूची कब आएगी... सामने से रोजाना एक ही जबाव मिलता है, रात 10 बजे तक आएगी... और रात का इंतजार करते करते अगली सुबह हो जाती है, लेकिन सूची का कुछ अतापता नहीं रहता।
जिलाध्यक्षों की सूची को लेकर जब प्रदेश नेतृत्व से बात की जाती है तो उनका भी एक ही जबाव मिलता है आज सूची जारी हो जाएगी, लेकिन अबतक इंतजार ही हो रहा है। प्रदेश भाजपा के एक नेता ने अपनी दबी जुबान में कहा है कि सूची तो 5 जनवरी को ही जारी हो जाती, लेकिन सूची को जैसे ही जारी करने की बारी आती है तो कोई न कोई बड़ा नेता अपने समर्थक को पद दिलाने के लिए बवाल खड़ा कर देता है, और सूची टल जाती है। जो अबतक तक जारी है। पार्टी के कुछ शीर्ष नेता अपने समर्थक को अध्यक्ष बनाने के लिए सूची जारी होने तक पूरी ताकत लगा रहे है।
'बीरबल की खिचड़ी' बनी सूची
जिलाध्यक्षों की सूची 'बीरबल की खिचड़ी' बनी हुई है। प्रदेश के चुनिंदा नेता अपने चहेतों को कुर्सी दिलाने की कशमकश में लगे हुए है। जिसके चलते सूची 'बीरबल की खिचड़ी' बन गई है। वही जिलाध्यक्ष के नामों की घोषणा भले नही हुई, लेकिन सोशल मीडिया पर सूची आज जारी होगी... कुछ ही देर में सूची आने वाली है... आज रात में जारी होगी सूची... जैसा माहौल बना हुआ है।
आखिर क्यों जारी हुआ फरमान
बीते गुरूवार को सूची जारी होने की पूरी संभावना थी, लेकिन सूची तो जारी नहीं हुई उसकी जगह बीजेपी की ओर से एक फरमान जरूर जारी किया गया। फरमान था कि जिलाध्यक्ष बनने के दावेदारों को अपने ही कार्यालय में रहे। प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने कहा कि जिला अध्यक्षों को लेकर पूरी प्रक्रिया हो चुकी है। जिला अध्यक्षों के निर्वाचन की घोषणा भी जल्द होगी, लेकिन इस बात का सभी को ध्यान रखना चाहिए कि पार्टी का कार्यालय हमारी आस्था का मंदिर है। नए जिला अध्यक्ष की घोषणा के बाद उनका स्वागत कार्यालय में ही हो। किसी नेता के घर जाकर स्वागत सत्कार और आभार के प्रदर्शन के बजाय निवर्तमान अध्यक्ष का आभार व्यक्त करते हुए नए अध्यक्ष का सभी कार्यकर्ता स्वागत करें।
फरमान हुआ जारी, सूची नहीं
प्रदेश संगठन महामंत्री के फरमान जारी होते ही प्रदेश के जिलों में हलचल शुरू हो गई। भाजपा नेताओं को लगा की फरमान जारी होने के बाद सूची जारी होगी, नेता, दावेदार और कार्यकर्ता देर रात तक सूची के इंतजार में करवटे बदलते रहे, लेकिन नजीजा सिफर रहा। अब ऐसे में कई सवाल जन्म लेने लगे है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि जिला अध्यक्षों के दावेदारों को जिलों में रहने का फरमान जारी यानी जिलाध्यक्ष के चयन में मामला उलझ रहा है। खैर सूची कब आएगी? यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा।