भोपाल। राजधानी में करीब एक साल बाद भी सड़कों पर 368 में से सिर्फ 60 बसें ही चल पा रही हैं। 20 बसें किसी न किसी कारण से मेंटेनेंस को लेकर वर्कशाप में खड़ी रहती हैं। जबकि 149 बसों को आपरेटर डिपो से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। इन आपरेटरों के अनुसार पहले उन्हें पिछले बकाया करीब दो करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया जाए, उसके बाद सिटी बसें राजधानी की सड़कों पर दौड़ेंगी। वहीं निगम अधिकारियों के अनुसार बसों के संचालन में काफी घाटा हो रहा है। इसलिए शासन को पत्र लिखकर सहयोग मांगा गया है। जबकि बीसीसीएल कंपनी के डायरेक्टर का कहना है कि अधिकारी बसों को नहीं चलने दे रहे हैं। पुराना बकाया भुगतान कर दें तो बसों को संचालन होने लगेगा।
50 हजार लोग परेशान
राजधानी में 149 सिटी बसों के न चलने से करीब 50 हजार से ज्यादा यात्री रोजाना परेशान हो रहे हैं। इसके बाद भी बीसीएलएल कंपनी गंभीर नहीं दिख रही है। बीसीएलएल के डायरेक्टर मनोज राठौर के अनुसार नए नियम व शर्त तय करना होंगी और उन कंपनियों का चयन करना होगा, जो आगे बसों को बंद न करें। इसके प्रयास किए जा रहे हैं।
डेढ़ हजार नए ऑटो
सिटी बसों के न चलने से राजधानी में डेढ़ हजार नए ऑटो चलने लगे हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं किराया भी दो से तीन गुना अधिक देना पड़ रहा है और दुर्घटना का भी डर बना रहता है। इस संबंध में बस आपरेटरों के अनुसार बीसीएलल कंपनी कोई प्रयास ही नहीं कर रही कि बसों का संचालन हो।
बसों के संचालन में सबसे बड़ा व्यवधान
बसों के संचालन में व्यवधान की असली वजह टिकट एजेंसी चलो एप ने प्रति किलोमीटर दी जाने वाली राशि घटाने की मांग की है। इसका विरोध बस ऑपरेटर मां एसोसिएट द्वारा किया गया। इस कारण न तो टिकट कलेक्शन हो पा रहे हैं और न ही बसों का संचालन। शहर के 115, 113, 116, 205, 204, 208, एसआर 8, टीआर 1, 311 और 106 रूट पर बसों के नहीं चलने से रोजाना 50 हजार से अधिक यात्री प्रभावित हो रहे हैं ।