भोपाल। हम्माली और मजदूरी करके बुजुर्ग पिता ने मकान बनाया, लेकिन दोनों बेटे मेरी कोई देखभाल नहीं करते। ऐसे में उन्हें घर से बेदखल किया जाए। गोविंदपुरा एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद दोनों आरिफ और रिजवान को हर माह एक-एक हजार रुपए का भरण पोषण देने के आदेश दिए हैं।
शब्बीन अहमद पिता मम्मू मियां निवासी सुदामा नगर गोविंदपुरा ने शिकायत में बताया कि उन्होंने हम्माली और मजदूरी कर मकान बनाया था। जिस पर उसके दोनों बेटे आरिफ और रिजवान ने कब्जा कर लिया है। दोनों बेटे खाना-पीना तो दूर की बात बीमार होने पर इलाज भी नहीं कराते हैं।
जिसके बाद कोर्ट ने आरिफ और रिजवान को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। जिस पर रिजवान ने गोविंदपुरा एसडीएम को दिए बयान में बताया कि इस मकान में उनके बहन बहनोई भी रहते हैं। बहन पिता को हमारे खिलाफ भड़काती है। हम खर्च के लिए जो राशि देते हैं, वह खुद रख लेती है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद दोनों बेटों को प्रत्येक माह एक-एक हजार रुपए भरण पोषण देने के आदेश दिए हैं।