भोपाल। पंद्रह साल पुराने कब्जे को लेकर नारियलखेड़ा में 37 डिसमिल जमीन पर बने 24 मकानों के मालिकाना हक के संबंध में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने खुद कॉलोनी में जाकर कोर्ट लगाया। यह पहली बार है कि जब किसी कलेक्टर ने मौके पर ही जाकर कोर्ट लगाया। मालिकाना हक का दावा करने वाली उपासना जौहरी सहित यहां रहने वाले दो दर्जन परिवारों की सुनवाई की गई, जिसमें रहवासियों ने दस्तावेज पेश किए। इस मामले में अब गुरुवार को फैसला सुनाया जाएगा।
मालवीय नगर की उपासना जौहरी ने बैरागढ़ एसडीएम आदित्य जैन के कोर्ट में नारियलखेड़ा की जमीन पर मालिकाना हक को लेकर केस दर्ज कराया था। जिसमें बताया गया कि वर्तमान में इस जमीन पर 24 मकान बने हैं, जो अवैध हैं। कलेक्टर ने बुधवार को एसडीएम सहित स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों की सुनवाई की।
एसडीएम ने बताया कि दोनों पक्षों की सुनवाई कर ली गई है। दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। गुरुवार को इस केस में फैसला सुनाया जाएगा।
40 साल से रह रहे
रहवासियों ने बताया कि वह यहां पर 40 साल से रह रहे हैं। उन्होंने दस्तावेज भी पेश किए हैं। इधर, दूसरे पक्ष का कहना है कि कब्जेधारियों को हटाया जाना चाहिए।
दोनों पक्षों ने पेश किए दस्तावेज
नारियलखेड़ा की जमीन पर काबिज 24 परिवारों के अवैध कब्जे को लेकर दोनों पक्षों की सुनवाई के लिए मौके पर ही कोर्ट लगाया गया है। दस्तावेजों की जांच की जा रही है, गुरुवार को फैसला सुनाया जाएगा।
कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर