भोपाल। मेट्रो परियोजना में सिविल के कामों से लेकरए अफसरों के बदलने तक कई वजहें ऐसी रही हैं जिनके कारण से मेट्रो प्रोजेक्ट साल दर साल आगे बढ़ता जा रहा है, जिससे काम की गति भी प्रभावित होती रही है। वहीं जब भोपाल में पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने फ्लाइओवर का निरीक्षण किया था तो उन्हे भी कई कमियां मिली। इसको लेकर उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे। इसके बाद मेट्रो के एमडी लगातार निरीक्षण और समीक्षा कर कार्य की गति बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। इतनी देरी के कारण अब भोपाल की जनता में भी मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर उत्सुकता नहीं दिख रही है।
भोपाल में मेट्रो के कामों में देरी के कारण
भोपाल मेट्रो के कामर्शियल रन की शुरुआत सितंबर 2024 से जून 2025 कर दी गई है।
भोपाल मेट्रो परियोजना को शुरू में चार साल में पूरा करने की समय सीमा 2022 रखी गई थी, लेकिन अब नई अपेक्षित पूर्णता तिथि 2027 है।
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत मूल रूप से 6,941 करोड़ रुपए आंकी गई थी, लेकिन देरी के कारण लागत में वृद्धि की सीमा निर्धारित करने के लिए इसका आकलन किया जा रहा है।
हबीबगंज क्रॉसिंग पर बनने वाले स्टील ब्रिज की वजह से भी काम में देरी हुई।
सुभाष नगर से करोंद तक 12.60 एकड़ का अधिग्रहण अटका है।
ऐसा होगा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट
भोपाल में दो रूट पर मेट्रो रेल का संचालन शुरू किया जाएगा।
पहला रूट 14.19 और दूसरा रूट 12.88 किलोमीटर का होगा।
भोपाल में 27 मेट्रो ट्रेनें चलाई जाएंगी।
मेट्रो स्टेशन पर महिलाओं, दिव्यांगजनों का विशेष ध्यान रखते हुए यात्रियों को अनेक सुविधाएं मिलेंगी।