भोपाल। सेंट्रल जेल में मिले ड्रोन पर एक डॉक्टर ने स्वयं का होने का दावा किया है। वह ड्रोन का रिमोट लेकर गुरुवार को जेल परिसर में पहुंचे थे। इस रिमोट ड्रोन को ऑपरेटर कर पुलिस ने चेक भी किया। गांधी नगर पुलिस ने डॉक्टर के बयान भी दर्ज कराए हैं। पुलिस बयानों की तस्दीक कर रही है। इसके साथ ही इंटेलिजेंस भी सकि्रय हो गई है। इधर, आरजीपीवी कैपस में भी एक ड्रोन मिला है। पुलिस इस मामले की अलग जांच कर रही है।
गांधी नगर पुलिस के मुताबिक डॉक्टर स्वप्निल जैन महावीर इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंस में प्रोफेसर हैं। वह द्वारका धाम में रहते हैं। गुरुवार की सुबह उन्होंने स्वयं कॉल कर मुझे बताया कि जेल परिसर में मिला ड्रोन उन्हीं का है। न्यूज पेपर में खबर के साथ लगे फोटो से उन्होंने ड्रोन की पहचान की है। उन्होंने लिखित पत्र भी सौंपा है, जिसमें ड्रोन स्वयं का होने का दावा किया गया है। डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि ड्रोन को उन्होंने बेटे के लिए दिल्ली की एक दुकान से 2300 रूपए में खरीदा था। 31 दिसंबर को वह ड्रोन लेकर आईटी पार्क पहुंचे। यहां बेटे के साथ उन्होंने ड्रोन उड़ाया। ऊंचाई पर जाने के बाद ड्रोन से संपर्क टूट गया। इसके बाद वह लापता हो गया। आस पास काफी तलाशने पर भी ड्रोन नहीं मिला। हालांकि पुलिस ने डॉक्टर के बयान तो ले लिए हैं, लेकिन इस मामले की सभी एंगल पर जांच कर रही है।
सवालों के घेरे में डॉक्टर पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी?
हालांकि गांधी नगर पुलिस ने दो घंटे तक बारीकी से ड्रोन के संबंध में डॉक्टर से पूछताछ की है। डॉक्टर भी इस मामले में सवालों के घेरे में है। जब ड्रोन का संपर्क टूट गया था तो उसने मामले की सूचना पुलिस को क्यों नहीं दी। उसको यह बात क्यों नहीं समझ में नहीं आई कि इसका दुरुपयोग भी हो सकता है।
पुलिस कमिश्नर ने किया निरीक्षण
मामले की जांच पुलिस कर रही है, इसलिए भोपाल पुलिस कमिश्नर मिश्र ने सेंट्रल जेल में उस जगह का निरीक्षण किया,जहांं ड्रोन मिला था। उन्होने जेल अधिकारियों से ड्रोन की फोरेंसिंक जांच की बात कही, पुलिस को जेल के आसपास भी सर्चिग के निर्देश दिए।
जांच के लिए भेजा स्टेट साइबर सेल
स्टेट साइबर सेल में ड्रोन भेजा गया है यहां हर तरह की जांच हो सकेगी। पुलिस को पता करना है कि ड्रोन में कोई संदिग्ध वस्तु तो नहीं है। बुधवार को ड्रोन मिलने से सेंट्रल जेल में हड़कंप मच गया था। ऐसा अंदेशा जताया जा रहा था कि किसी न कोई साजिश के तहत ड्रोन तो नहीं पहुंचाया। इसी कारण गांधी नगर पुलिस पूरे मामले के इन्वेस्टीगेशन में लगी है।
दूसरे दिन पेड पर फंसा मिला ड्रोन
आरजीपीवी केंपस में गुरूवार को एक और ड्रोन मिला है। पुलिस का कहना है कि यह ड्रोन भी खिलौना बनाने वाली कंपनी द्वारा निर्मित है। इसकी भी जांच की जा रही है। हालांकि इसमें भी संदिग्ध जैसा कुछ नहीं है। कुछ लोगों ने एक पेड़ पर ड्रोन के फंसे होने की सूचना दी थी। पुलिस मौके पर पहुंची और उसे बरामद कर लिया। भोपाल जेल में मिले ड्रोन से इसकी बनावट और कलर में फर्क है।