भोपाल : राजधानी भोपाल में अब दिल्ली जैसे हालात बनने जा रहें है। यहां की आवोहवा में भी अब जहर घुलने लगा है। बढ़ते प्रदुषण के चलते राजधानी में बच्चे और बूढ़ो का सांस लेना मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही अस्थमा, फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है। राजधानी भोपाल सहित कई स्थान पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार पहुंच गया है। बता दें कि राजधानी में प्रदूषण का स्तर गाड़ियों के धूंआ, पराली जलाने और कई अन्य तरह के धुएं के कारण बढ़ रहा है। जिसे नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम चलाया जा रहा।
पराली जलाने की 1 दिन में 474 घटनाएं सामने आई
मध्य प्रदेश में पराली जलाने की 1 दिन में 474 घटनाएं सामने आई हैं। जिसमें राजधानी भोपाल से 4 घटनाएं सामने आई है। पराली जलाने की वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार पहुंच गया है। बता दें कि राजधानी में शनिवार को टीटी नगर में एक्यूआई 317, अरेरा कॉलोनी में 323 और पुराने शहर 302 दर्ज किया गया है। तो वही शहर का औसत एक्यूआई 8 नवंबर को यह 264 और शनिवार को 275 रिकॉर्ड हुआ। यह स्थिति पुअर श्रेणी में आती है। लंबे समय तक ऐसी स्थिति रहने पर सांस संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
ऐसे समझे एयर क्वालिटी इंडेक्स
बता दें कि AQI 0-50 के बीच होने पर हवा को शुद्ध माना जाता है. AQI 51-100 के बीच होने पर क्वॉलिटी संतोषजनक माना जाती है. AQI 101-200 के बीच मध्य, AQI 201 से ज्यादा को खराब माना जाता है. AQI 301 को बेहद खराब और AQI 401 के पार पहुंचने पर हालात गंभीर मानी जाती है.
केंद्र सरकार नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम चला रही
प्रदूषण नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार इन दिनों नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम चला रही है, जिसकी निगरानी प्रदेश सरकार कर रही है। इस प्रोग्राम के तहत नगर निगम, प्रदूषण बोर्ड, आरटीओ, वन विभाग आदि के सहयोग से प्रदूषण कम करने के उपाय किए जाते हैं। हर जिले में कलेक्टर प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए गए कार्यों की समीक्षा करते हैं।