MP Bjp State President : मध्यप्रदेश बीजेपी में लंबी खिंचतान के बाद जिलाध्यक्षों की घोषणाएं जारी है। बीजेपी ने बीते मंगलवार को 12 जिलों के जिलाध्यक्षों की सूची जारी की थी। इसके बाद बुधवार को 15 जिलों के अध्यक्षों की सूची जारी की। बीजेपी अबतक 47 जिलाध्यक्षों की घोषणा कर चुकी हैं। संभावना है कि एक दो दिनों में बाकी जिलों के अध्यक्ष घोषित कर दिए जाएंगे।
जिलाध्यक्ष के बाद प्रदेश की बारी
जिलाध्यक्षों की सूची का रास्ता तो लगभग अब साफ हो गया है, अब बारी है प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की। कौन होगा नया प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष? इसको लेकर बीते कई दिनों से दावेदारें के नाम सामने आते रहे है, लेकिन समने आई जिलाध्यक्षों की सूची से साफ झलकने लगा है कि बीजेपी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? आइए आपको विस्तार से बताते है।
सामान्य वर्ग से होगा अध्यक्ष?
प्रदेश भाजपा का अगला अध्यक्ष सामान्य वर्ग से होने की संभावनाएं बन रही है। दरअसल, बीजेपी ने जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में सामाजिक समीकरणों को साधने की कोशिश की है। हालांकि वर्ग की जरूरत के हिसाब से भी नियुक्तियां की गई है। प्रदेश के मुखिया मोहन यादव ओबीसी वर्ग से आते है। माना जा रहा था कि बीजेपी बचे तीन वर्ग से आने वाले किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है, लेकिन जिलाध्यक्षों की सूची से संकेत मिले है कि बीजेपी सामान्य वर्ग पर सबसे ज्यादा फोकस कर रही है।
ग्वालियर-चंबल से होगा अगला अध्यक्ष?
दरसअल, ग्वालियर में भाजपा जिलाध्यक्ष के चयन में मौजूदा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा की चली। ग्वालियर में जयप्रकाश राजोरिया को जिलाध्यक्ष बनाया है। राजोरिया वीडी शर्मा के करीब नेता माने जाते है। ग्वालियर अध्यक्ष के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेन्द्र सिंह तोमर लॉबिंग कर रहे थे, लेकिन इसमें वीडी शर्म की चली। इससे साबित होता है कि वीडी शर्मा कितने पावरफुल है। जरूरी नहीं है कि जगह सिंधिया और तोमर की राय ली जाए। इसी बीच कयासों का दौर शुरू हो गया है कि क्या ग्वालियर चंबल से बीजेपी को प्रदेश अध्यक्ष मिलने वाला है? माना जाने लगा है कि नरोत्तम मिश्रा या फिर अरविंद भदौरिया में से अगला प्रदेश अध्यक्ष हो सकता है। सबसे बड़ा कारण है कि समाजिक समीकरणों के साथ साथ अब क्षेत्रिय समीकरण भी मायने रखने लगे है।
ये नेता रेस से बाहर?
हालांकि समान्य वर्ग की बात करे तो सामान्य वर्ग से और भी नाम चर्चा में बने हुए है। जिनमे अर्चना चिटनिस, हेमंत खंडेलवाल है तो वही आदिवासी चेहरों में फग्गन सिंह कुलस्ते और राज्यसभा सासंद सुमेर सिंह सौलंकी चर्चा में बने हुए है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि दोनों अब रेस से बाहर हो गए है। ओबीसी चेहरे की बात करे तो पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह की चर्चा थी, लेकिन अब वे भी रेस से बाहर माने जाने लगे है। क्योंकि भूपेंद्र सिंह के भाजपा अध्यक्ष पर किए तीखे हमले आड़े आ रहे है। महिला चेहरों में से रीति पाठक का नाम चर्चा में था, लेकिन अब वे भी रेस से बाहर होती नजर आ रही है। क्योंकि रीति पाठक विंध्य से आती है और विंध्य से डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला आते है इसलिए अब उनकी संभावना कम मानी जाने लगी है। कविता पाटीदार मालवा निमाड़ से आती है उनकी भी संभावना कम मानी जाने लगी है। माया नारोलिया ओबीसी वर्ग से आती है इसलिए उनकी संभावना भी कम है। क्योंकि बीजेपी ओबीसी चेहरे मोहन यादव को सीएम बना चुकी है। इसके अलावा अर्चना चिटनीस भी मालवा निमाड़ से आती है इसलिए उनकी संभावना भी कम मानी जाने लगी है।
इस तरह से अगर हम देखे तो बीजेपी अध्यक्ष की रेस से कई चेहरे बाहर होते नजर आ रहे है। ऐसे में जो नाम बचते है तो वो नाम नरोत्तम मिश्रा और अरविंद भदौरिया है। दोनों अध्यक्ष की कुर्सी के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे है। हालांकि हेमंत खंडेलवाल, लाल सिंह आर्य जैसे नाम रेस में कुछ हद तक माने जा सकते है, लेकिन कई नाम अब रेस से बाहर होते दिखाई देने लगे है। बरहाल प्रदेश भाजपा संगठन किसे चुनेगी अपना मुखिया यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।