अनिल उपाध्याय //सीतापुर: झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बड़े जोश एवं उत्साह के साथ मनाया।इस अवसर पर नगर में विशाल रैली निकाली गई।जो चौक चौराहों एवं मुख्य मार्ग से होते हुए लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम पहुँची।जहाँ रानी लक्ष्मीबाई के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद रैली सभा मे परिवर्तित हो गई।
रानी लक्ष्मीबाई के जीवनी पर डाला प्रकाश:
इस सभा को संबोधित करते हुए सेवानिवृत्त शिक्षिका मधु गुप्ता ने रानी लक्ष्मीबाई के जीवनी पर प्रकाश डाला।उन्होंने बताया कि रानी लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी के अस्सीघाट में हुआ था।उनका बचपन का नाम मणिकर्णिका था लेकिन प्यार से उन्हें मनु कहा जाता था।रानी लक्ष्मीबाई एक बेहतर सेनापति और कुशल प्रशासक थी।उन्होंने झांसी के किले में महिला सेना खड़ी की थी और उसका नेतृत्व वह स्वयं करती थी।उन्होंने अंग्रेजो के राज हड़प नीति का खुलकर विरोध किया।जिसकी वजह से वो अंग्रेजों की आँखों की किरकिरी बन गई थी।
अंग्रेजों के खिलाफ की बगावत :
रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत करते हुए कई राजा और नवाबों को अपने साथ मिलाकर एक फौज खड़ी की।जिसके बाद उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध किया और 29 साल की उम्र में वीरगति को प्राप्त किया।इस शहादत के साथ ही रानी लक्ष्मीबाई भारतीय राष्ट्रवादियों के लिए ब्रिटिश शासन के प्रतिरोध की एक राष्ट्रीय नायिका और प्रतीक बन गई।बुंदेले हर बोलो के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी इन पंक्तियों के साथ सभा को संबोधित करते हुए शिक्षिका ज्योति सिंह ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई की वीरता से हर भारतीय परिचित हैं।जिन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।रानी लक्ष्मीबाई हर भारतीयों के लिए वीरता और समर्पण की प्रतीक है।वो अपनी मातृभूमि के लिए हमेशा जान की बाजी लगाने को तैयार रहती थी।
आखिरी सांस तक अंग्रेजों के हाथ नही आई:
झांसी को अंग्रेजों से बचाने के लिए रानी लक्ष्मीबाई ने आखिरी सांस तक अंग्रेजों से संघर्ष लिया।अंत मे अपनी जान गवाने के बाद भी वो अंग्रेजों के हाथ नही आई।मैं अपनी झांसी नही दूंगी वो वाक्य आज भी भारतीयों के दिलों में गूंजता है।सभा को जिला संयोजक अभाविप उज्ज्वल तिवारी ने भी संबोधित करते हुए रानी लक्ष्मीबाई के जीवनी पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम का संचालन संकेत गुप्ता ने किया।इस अवसर पर नगर प्रमुख अभाविप सिद्धार्थ उपाध्याय वाशु,नगर मंत्री सोनू सोनी,पूर्व नगर मंत्री रितिक गुप्ता,सहमंत्री शौर्यप्रताप देव,विमल दास विनय गुप्ता कृशु गुप्ता उज्ज्वल गुप्ता रवि गुप्ता थाबिर प्रधान अभिमन्यु गुप्ता सपन बख्शी समेत अभाविप के सदस्य एवं स्कूली छात्र छात्राएं उपस्थित थे।