Bhopal Beggar News : इंदौर की तर्ज पर अब राजधानी में भिखारियों पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके तहत भोपाल में चिंहित 265 भिखारियों को हटाया जाएगा। उन्हें एक रैनबसेरे में रखा जाएगा। इधर, कलेक्टर ने आदेश जारी कर भीख देने और लेने वालों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। दोनों की पहचान चौराहे पर लगे स्मार्ट सिटी के सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी।
दरअसल, इंदौर में सबसे पहले भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने के प्रयास शुरू किए गए। यहां पर कई लोगों पर प्रकरण भी दर्ज कराया गया है। अब राजधानी में इसी तरह से भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने की तैयारी की जा रही है। प्रशासन का लक्ष्य राजधानी को भिखारी मुक्त करने का है। सोमवार को टाइम लिमिट बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जब न्तक भिक्षुगृह के लिए कोई भवन की व्यवस्था नहीं हो जाती है, तब तक इन्हें अस्थाई रूप से एक रैन बसेरे में रखा जाए। अब ठंड भी कम होने लगी है, इसलिए रैनबसेरे भी खाली पड़े हैं। इनके लिए रैनबेसेरे में खाने-पीने और रूकने की व्यवस्था भी नगर निगम करेगा।
क्या बोले कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत इस संबंध में आदेश भी जारी कर रहे हैं। कलेक्टर ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों से कार्रवाई करने को कहा है। भीख देने और लेने वालों के खिलाफ कड़ी कारवाई करने के निर्देश दिए हैं। जब तक भिक्षु गृह के लिए किराए का कोई भवन नहीं मिल जाता है, तब तक उन्हें रैनबसेरे में अस्थाई रूप से रुकवाया जाएगा। उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था नगर निगम करेगा। इसके अलावा भीख देने वाले लेने वालों पर एफआईआर दर्ज आईआर दर्ज की जाएगी। इसकी पहचान चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी।
भीख मांगने वालों के अपने खुद के घर
जिला प्रशासन ने हाल ही में शहरभर में भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिए एक सर्वे किया था। इसमें इनकी संख्या 265 है। अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश भिखारियों के अपने स्वयं की झुग्गियां और मकान हैं, लेकिन फिर भी वे सड़कों पर भीख मांगते हैं।