MP Panchayat Secretaries : मध्यप्रदेश के करीब 23 हजार से अधिक पंचायत सचिवों नें सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। प्रदेशभर के पंचायत सचिव अब सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे है। बीते करीब तीन से चार महीनों से वेतन नहीं मिलने के चलते प्रदेश के 23 हजार सचिव अब 7 दिनों के सामूहिक अवकाश पर जाने वाले है। अगर पंचायत से संबंधित कोई काम हो तो पूरा कर ले, नहीं तो आप परेशान हो सकते है।
सड़कों पर उतरेंगे सचिव!
दरसअल, प्रदेश के 23 हजार से अधिक पंचायत सचिव 26 मार्च से 1 अप्रैल तक छुट्टी पर जाने की तैयारी कर रहे है। सामुहिक अवकाश पर जाने से पहले पंचायत सचिव अपनी 7 सूत्रिय मांगों को लेकर ब्लॉक, जिला मुख्यालय के जिला अध्यक्ष अपने अपने जिलों के कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपेंगे। अब उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे 26 मार्च से 1 अप्रैल तक सामुहिक अवकाश पर जाएंगे और सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
और बढ़ेगी हड़ताल?
पंचायत सचिव संगठन का कहना है कि प्रदेशभर के करीब 23 हजार से अधिक पंचायत सचिव 7 दिनों के सामूहिक अवकाश पर जा रहे है। संगठन द्वारा सरकार को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगर हमारी मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो हम हड़ताल को और आगे बढ़ाएंगे। हम अनिश्वितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
पंचायत सचिवों की मांगे
पंचायत सचिवों अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने वाले है। उनकी मांगे है कि उन्हें मिलने वाला वेतन हर माह की 1 तारीख को दिया जाए। सचिवों को बीते महीनों से जो वेतन नहीं दिया गया है उसे तत्काल जारी किया जाए। इसके अलावा सचिवों को सरकारी कर्मचारी को के समान सुविधाएं दी जाए। सीएम की घोषणा के बाद समयमान वेतनमान नहीं दिया गया उसे भी जल्द दिया जाए।
पंचायत कार्यो पर पड़ेगा असर
यह स्थिति वाकई गंभीर है! मध्यप्रदेश के करीब 23 हजार पंचायत सचिवों का सामूहिक अवकाश पर जाना न केवल पंचायत कार्यों पर असर डालेगा, बल्कि इससे ग्रामीण विकास और अन्य सरकारी योजनाओं की क्रियान्वयन प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है। यह भी स्पष्ट है कि वेतन का मुद्दा उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, और अगर तीन-चार महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है, तो यह उनके जीवन-यापन में गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। यदि सरकार समय रहते सचिवों की समस्याओं का समाधान नहीं करती, तो इससे प्रशासनिक कामकाज में और भी अधिक दिक्कतें आ सकती हैं।