रायपुर। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रविवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का एक साल पूरा होने पर उपलब्धियां गिनाते हुए केंद्र सरकार के एक साल के कार्यकाल को ऐतिहासिक करार दिया है। इसी के साथ प्रदेश सरकार पर कोरोना को लेकर तीखा हमला किया है।
बता दें की एकात्म परिसर में प्रदेशाध्यक्ष विक्रम उसेंडी के साथ पत्रकारों से चर्चा करते हुए डॉ. रमन ने कहा, 2019 में जनता ने अभूतपूर्व भरोसा भाजपा पर जताया। देश की जनता की उम्मीदों पर मोदी सरकार पूरी तरह से खरी उतरी है। मोदी सरकार ने एक साल के 365 दिनों में दशकों पुराने जनमानस के मन को झकझोरने वाले बड़े फैसले किए। अनुच्छेद 370 को समाप्त करना, राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त करना, तीन तलाक का फैसला, लद्दाख को अलग केंद्र शासित राज्य बनाया जाना, ये छोटे काम नहीं थे। ये सारे काम इतिहास रचने वाले काम हैं।
उन्होंने कहा, मोदी ने नारा दिया था सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, इस नारे पर सरकार चल रही है। देश में किसान सम्मान निधि के दायरे में सभी किसान आ गए हैं। 72 हजार करोड़ किसानों के खाते में डाले गए हैं। अंतिम घर तक शुद्ध पेयजल की योजना शुरू की गई है। एक हजार करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ सरकार को इस योजना के तहत मिले हैं। आदिवासी बच्चों के लिए देशभर में 420 एकलव्य विद्यालय शुरू किए। चंद्रयान मिशन के जरिए भारत ने दुनियाभर में वाहवाही बटोरी।
आत्मनिर्भर भारत के लिए बड़ा पैकेज
डॉ. रमन ने कहा, स्वदेशी, स्वाभिमान और स्वालंबन प्रधानमंत्री मोदी का एक बड़ा विजन है। कोविड-19 महामारी के संकट को अवसर में बदलने का काम उन्होंने किया। आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए। 20 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज मोदी सरकार ने दिया। इसके साथ गरीब कल्याण योजना के तहत 1 लाख 76 हजार करोड़ का पैकेज दिया गया। जनधन खाते में 500 रुपए डाले गए।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर के लिए बिना गारंटी 3 लाख करोड़ लोन दिए जाने का फैसला लिया गया। 12 करोड़ लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष इस सेक्टर से जुड़ते हैं। उन्होंने कहा, कोविड- 19 महामारी से दुनिया त्रस्त है। मोदी सरकार के उठाए कदमों की दुनियाभर में सराहना हुई है। 130 करोड़ आबादी वाले इस देश में 4 हजार 981 लोगों की मौत हुई है। मृत्यु दर 2.7 फीसदी रही। जबकि दुनिया में ये कहीं ज्यादा है। 52 लाख श्रमिकों को गृह राज्य भेजा गया है।
प्रदेश सरकार पर हमला
डॉ. रमन प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए कहा, 60 दिनों में भी छत्तीसगढ़ सरकार ने मजदूरों को लाने कोई विशेष तरीका तय नहीं किया। क्वारेंटाइन सेंटरों में सांप काटने से लोगों की मौत हो गई, कहीं किसी ने आत्महत्या कर ली। मजदूर जो हजार किलोमीटर चलकर आ रहे हैं, जिनको क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा जा रहा है, वहां पर मौतें हो रही हैं तो ये किसकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, क्वारेंटाइन सेंटरों में हो रही मौतों पर सरकार को चाहिए उन जिलों के कलेक्टरों समेत प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे। उन्होंने कहा, राज्य में आर्थिक आपातकाल के हालात है। दो इंक्रीमेंट रोक दिए गए हैं। नई भर्ती पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चर्चा है कि वेतन में 30 फीसदी की कटौती होने वाली है। उन्होंने कहा, प्रदेश सरकार हर क्षेत्र में असफल रही है। उन्होंने ट्रेनों में सफर के दौरान 80 मजदूरों की मौत पर कहा, केंद्र की जिम्मेदारी थी कि समय पर ट्रेन उपलब्ध करा दे और राज्य की जिम्मेदारी थी कि मजदूरों को फूड पैकेट उपलब्ध कराए। कमियां दोनों तरफ से हो सकती हैं।