सतना। कोरोना काल के इस दौर में डॉक्टरों का मानना है की यदि आपका शरीर स्वस्थ है और आप फिट हो तो करोना को हराने में आप पीछे नहीं रहोगे। शरीर को स्वस्थ रखने में व्यायाम सबसे अहम भूमिका निभाता है, जिसके लिए जिम एक बेहतर माध्यम हो सकता है। लेकिन गरीब और बेरोजगार लोगों के पास इतने पैसे नहीं होते कि वह जिम के हजारों के खर्च को वहन कर सकें। इस समस्या को देख सतना के गोबरांवखुर्द के युवाओं ने एक ऐसी देसी जिम तैयार किया है, जो देखने में तो रोचक है ही साथ ही किसी आधुनिक जिम से बिलकुुुल भी कम नहीं हैं। आलम यह है कि गांव का हर एक युवा इस नि:शुल्क जिम में आकर न सिर्फ व्यायाम कर रहा है, बल्कि अब इसका असर उनके स्वास्थ्य पर भी दिखने लगा है।
आपको बता दें की सतना जिले की उचेहरा तहसील के ग्राम गोबरांवखुर्द के युवाओं द्वारा बगीचे के खुले वातावरण में हरे-भरे पेड़ों के बीच देशी जिम बनाकर अनुकरणीय पहल पेश की गई है। जुगाड़ के सामानों और स्क्रैप से बने जिम में उपलब्ध चेस्ट बेंच, पेट कम करने वाली बेंच, वजन के हिसाब से अलग-अलग डंबल, बार्बल प्लेट, पैर की एक्सरसाइज के चैनल, पैरों के लिए लोअर मशीन, शोल्डर एवं कलाई की कसरत के उपकरण, कुश्ती एवं रनिंग के लिए पिच के साथ-साथ जिम में उपलब्ध होने वाले सभी उपकरणों को सामूहिक सहयोग एवं प्राकृतिक संसाधनों की मदद से तैयार किया गया है। इस देशी जिम में गांव के अलावा दूसरे गांव से भी बच्चे, युवा एवं बुजुर्ग लोग आकर स्वस्थ रहने के लिए कसरत, एक्सरसाइज आदि करते हैं।
युवाओं की माने तो कोरोना महामारी के आने से देश एवं प्रदेश में लॉकडाउन किया गया है। लॉकडाउन अवधि में जिम को पूर्णतः लंबी अवधि तक बंद किया गया था। इस अवधि में ग्रामीण युवा जो कसरत करने के आदी थे, वे अपने गांव आ गए, लेकिन जिम ना जाने से उनकी सेहत पर असर पड़ने लगा। उन्होंने एक देसी जिम बनाने की ठानी, इस दौरान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होने से कोरोना से लड़ने की बात भी उनके मन में थी, लिहाजा ग्रामीणों को उन युवाओं ने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम के लिए प्रेरित किया, गांव के अधिकांश लोग बेरोजगार और गरीब है, जो कि जिम में होने वाला हजारों का खर्च वहन नहीं कर सकते। लिहाजा युवाओं ने महज 15 दिन में एक ऐसी जिम बनाकर तैयार कर ली जिसकी लागत ₹0 रही। यह जिम जुगाड़ और घरों से निकलने वाला बेकार सामान से बनाया गया है। जिम कुछ इस कदर बनकर तैयार हुई कि किसी आधुनिक जिम से यह देसी जिम कैसे भी कम नहीं दिखाई देती, यहां दर्जनों की संख्या में युवा व्यायाम करते है, अब यह युवा गांव की महिलाओं को भी यहां आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
युवाओं के इस अनोखी पहल को देखकर आत्मनिर्भरता की छवि बखूबी उभरती और सेहत के प्रति युवाओं का लगाव काबिले तारीफ है, जरूरत है तो सिर्फ जरा सी प्रशासनिक मदद की ताकि ऐसे प्रतिभावान और जागरूक युवाओं को प्रोत्साहन मिल सके ताकि स्वस्थ शरीर और एक स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सके।