देशभर में फैले कोरोना संक्रमण के बीच अलग-अलग राज्यों में कोरोना टेस्टिंग की जा रही है। इसी बीच लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी यानी केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में रिकॉर्ड तोड़ कोरोना टेस्टिंग की गई हैं।
यहां के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में आरटीपीसीआर के जरिए कोरोना टेस्टिंग की जांच की गई है। केजीएमयू ने अकेले आरटीपीसीआर के जरिए 5,02,278 कोरोना संक्रमित या संदिग्ध मरीजों का कोरोना सैपंलिंग की जांच की हैं। ऐसा करने वाला केजीएमयू देश का पहला प्रयोगशाला बन गया हैं।
इस महानता के लिए केजीएमयू के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल डॉ विपन पुरी ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कोरोना योद्धा के तौर पर कार्यरत अमिता जैन और उनकी टीम की सराहना कर सभी को कोरोना सैपंलिंग की जांच के लिए बधाई दी है।
आईसीएमआर ने केजीएमयू को माना उत्कृष्ट केंद्र
आपको बता दें की डॉ. पुरी ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग में सैंपलिंग टेस्टिंग में भूमिका निभाने वाली टीम के सभी सदस्यों को अवार्ड और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया है। माइक्रोबायोलॉजी विभाग के हेड अमिता जैन ने कहा कि हमारी पूरी टीम जी तोड़ मेहनत कर रही है।
उनके इसी मेहनत का रिकॉर्ड तोड़ परिणाम साबित हुआ। आईसीएमआर ने केजीएमयू को कोविड-19 जांच के लिए उत्कृष्ट केंद्र के रूप में घोषित किया है। जबकि देश में केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को RT-PCR के जरिए सबसे ज्यादा कोरोना टेस्टिंग करने वाला प्रयोगशाला माना गया है।
हालांकि अभी भी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी यूपी में सभी आरटी पीसीआर प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता लाने के लिए कार्यक्रम चला रहा है। इसका उद्देश्य है कि वह और भी बेहतर से बेहतर आरटीपीसीआर के जरिए जांच कर सके।