मोदी सरकार ने लॉकडाउन 4.0 में तमाम रियायतें दी हैं, लेकिन नियम और शर्तों व सख्त हिदायत के साथ। अगर सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया जाएगा तो वह काफी महंगी पड़ेंगी। बता दें कि 18 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण शुरू हो गया है, जो 31 मई तक लागू रहने वाला है। इस चरण में सरकार ने लोगों को तमाम छूट दी हैं, लेकिन बहुत सारे सख्त नियम भी बनाए गए हैं। वैसे तो सरकार की गाइडलाइंस काफी लंबी चौड़ी है, लेकिन रोजमर्रा में होने वाली कुछ ऐसी गलतियां हैं जिन पर ध्यान रखा जाना अति आवश्यक है।
मास्क नहीं लगाया तो दिक्कत
सार्वजनिक जगहों या दफ्तरों में फेस मास्क लगाना जरूरी है। जरूर नहीं है कि यह मास्क बाजार का हो, ये घर का बना हुआ भी हो सकता है। मास्क नहीं है तो मुंह पर गमछा या रूमाल भी लपेटी जा सकती है।
इधर-उधर थूकना पड़ेगा महंगा
सार्वजनिक जगहों या दफ्तरों में इधर-उधर थूकने पर कानून के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा, हो सकता है कि कुछ सजा भी हो जाए। तो थूकना हो तो वॉशरूम का इस्तेमाल करें।
3- सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
लॉकडाउन 4.0 में सबसे बड़ी शर्त ये है कि लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। यानी एक दूसरे को छूने से बचना होगा, 1 मीटर की दूरी बनानी होगी, हाथ नहीं मिलाना होगा। इन तमाम सोशल डिस्टेंसिंग के उपायों से ही कोरोना को हराया जा सकता है।
शादी में 50 से ज्यादा लोग नहीं
सबसे अधिक भीड़-भाड़ शादियों में होती है, लेकिन शादियां बंद तो कराई नहीं जा सकतीं, इसलिए शादी के लिए भी नियम बनाए गए हैं। किसी भी शादी के समारोह में 50 से अधिक लोग जमा नहीं हो सकते हैं और उन्हें भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा।
सिर्फ 20 लोग ही पहुंचें अंतिम संस्कार में
कहते हैं मौत पर किसी का वश नहीं चलता, ऐसे में किसी की मौत होने की स्थिति में उसका अंतिम संस्कार किया जाता है, वो भी पूरे रिवाजों के साथ। मोदी सरकार ने कहा है कि अंतिम संस्कार या जनाज़े में अधिकतम 20 लोग ही जमा हो सकते हैं, वो भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए।
सार्वजनिक जगहों पर नशा या धूम्रपान
भले ही सरकार ने अपना राजस्व बढ़ाने के लिए शराब की दुकानें तीसरे चरण के लॉकडाउन में ही खोल दीं और इस चरण में पान, गुटखा, तंबाकू भी बिक रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक जगहों पर सब बैन है। यानी अगर किसी ने सार्वजनिक जगह पर शराब पी, गुटखा खाया, पान खाया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ग्राहक-दुकानदार के लिए नियम
दुकानदार को यह ध्यान रखना जरूरी है कि उसकी दुकान में एक बार में 5 से अधिक लोग ना हों। साथ ही जो लोग हों, उनके बीच दो गज या 6 फुट की दूरी हो। इस बात का ध्यान खरीदार को भी रखना होगा, वह इसे दुकानदार की जिम्मेदारी कहते हुए पल्ला नहीं झाड़ सकता। पकड़े जाने पर कार्रवाई होगी।
कार्यालयों में बुलाएं जरूरी कर्मचारी
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि दफ्तरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि अति आवश्यक कार्य करने वाले कर्मचारियों को ही ऑफिस बुलाया जाए। जितने अधिक कर्मचारियों को घर से काम कराया जा सके, उतना बेहतर है। जबरदस्ती ऐसे कर्मचारियों को भी ऑफिस बुलाना, जो घर से काम कर सकते हैं, दफ्तर के खिलाफ जा सकता है।
ऑफिस में भी सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
दफ्तरों में काम करने के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। इसे सुनिश्चित करने के लिए ही दफ्तरों, दुकानों, बाजारों और फैक्ट्रियों में कर्मचारियों के घंटे बांटे हैं शिफ्टिंग ड्यूटी से काम चल सकता है तो शिफ्ट सुनिश्चित की जाए।
दफ्तरों में थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजर जरूरी
हर दफ्तर के अंदर आने और बाहर जाने की जगहों पर थर्मल स्कैनिंग, हैंडवॉश और सैनिटाइजर की व्यवस्था करना दफ्तर के लिए जरूरी है। ऐसा ना होने पर दफ्तर के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। वहीं अगर कोई कर्मचारी थर्मल स्कैनिंग से भागता है तो उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है।
कार्यालय, कंपनी की सैनिटाइजेशन जरूरी
दरअसल, यह नियम सिर्फ कंपनी वाले पर लागू होता है। कंपनी को ये सुनिश्चित करना होगा कि दफ्तर या काम करने की जगह को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाए। साथ ही जिन चीजों को लोग बार-बार छूते हैं, उसे सैनिटाइज भी करना जरूरी है, जैसे दरवाजों के हैंडल।
लंच ब्रेक और शिफ्ट में काम
अक्सर कंपनियों में लंच ब्रेक एक ही समय होता है, यानी पूरा ऑफिस एक ही बार खाना खाने जाता है। कंपनियों को लंच ब्रेक को लेकर नियम बनाने होंगे, चाहे तो वह टुकड़ों में भी लंच ब्रेक दे सकता है, ताकि भीड़-भाड़ ना हो। काम करने की टाइमिंग भी शिफ्ट में कराई जा सकती है।